क्राइमविश्व

घर में घुसकर मारा लश्करे ए तोयबा के चीफ हाफिज सईद के बेटे को

पाकिस्तान के आतंकियों में मची भगदड़

मुंबई ( महानगर समाचार)भारत के मोस्ट वांटेड 26/ 11 का मास्टरमाइंड प्रतिबंधित संगठन लश्करे तोयबा के चीफ हाफिज सईद के बेटे कमालुद्दीन सईद की अज्ञात हमलावरों ने विगत 26 सितंबर को अगवा कर लिया था, कल शनिवार को हाफिज सईद के बेटे की हत्या की खबर सोशल मीडिया के हवाले से आई । वैसे अभी तक इसकी सरकारी पुष्टि नहीं की गई है। हाफिज सईद के बेटे का अपहरण होने से जहां हाफिज सईद बेचैन होकर उसकी सलामती की दुआ कर रहा है, वहीं पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी आई यस आई सईद के बेटे को ढूंढने में जुट गई है लेकिन अभी तक उसके हाथ कोई सबूत नहीं लगा है। वहीं पर पाकिस्तान खुफिया एजेंसी सईद के बेटे को ढूंढ पाती कि इसके पहले एक और मोस्ट वांटेड आतंकवादी तथा हाफिज सईद के दोस्त कैसर फारूक की कराची में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्ट डॉन के मुताबिक पुलिस अधिकारियों का मानना है कि कैसर फारूक को निशाना बनाकर मारा गया है और यह एक टारगेट किलिंग का मामला है। भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले और विदेशी धरती पर बैठकर भारत के विरुद्ध साजिश रचने वाले एक के बाद एक आतंकवादियों का काम तमाम हो रहा है। पाकिस्तान में इससे पहले पाकिस्तान के ही कब्जे वाले कश्मीर में विगत 8 सितंबर को रियाल कोर्ट में रियाज अहमद उर्फ अबू कादरी को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। लश्करे तैयबा,जैश मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों के सरगना जहां पहले पाकिस्तान में खुलेआम घूमा करते थे लेकिन उनके लोगों की हो रही हत्याओं से डरे जैश मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने पेशावर के एक मदरसे में पनाह दी थी और ठीक 2 महीने बाद इसी मदरसे के बाहर एक बड़ा धमाका हुआ था और तब से मौलाना मसूद लोगों की नजरों से लापता है। अजहर मसूद भारत के विमान आई सी814 के अपहरण, संसद पर हुए हमले तथा पठानकोट हमले से लेकर पुलवामा के आतंकी हमले तक में मौलाना मसूद का हाथ था। इस साल की शुरुआत में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बशीर अहमद पीर की हत्या बेहद करीब से अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर कर दी थी। इसी तरह पाकिस्तान के कराची के गुलिस्तान ए जौहर के एक पार्क में जियाउर रहमान की हत्या दो मोटरसाइकिल सवार लोगों ने गोली मारकर कर दी। रहमान शाम की सैर पर निकले थे। रहमान एक लश्कर ऑपरेटिव था। रहमान की हत्या ठीक उसी तरह की गई जैसे खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार की हत्या की गई थी पंजवार जब सुबह की सैर पर निकले थे उस समय अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। अब सवाल यह है कि भारत विरोधियों की विदेशी धरती पर उन्हीं के घर में घुसकर एक के बाद एक आतंकवादी देर हो रहे हैं और वहां की खुफिया एजेंसी पूरी तरह फेल साबित हुई है।इसी प्रकार कनाडा में भी भारत विरोधी खालिस्तानी आतंकवादियों की एक के बाद एक हत्याएं हो रही है परंतु अभी तक एक भी हत्याओं का सुराग नहीं लग पाना भारत विरोधियों के लिए बैचनी पैदा कर दी है।इन आतंकियों की हत्याओं से आतंकियों में हड़कंप मच गया है कि कही अगला नंबर उनका न लग जाए।

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