मुंबई हाईकोर्ट ने बालेशाह पीर दरगाह के ट्रस्टी को न्यायालय में हाजिर होने का दिया अंतिम नोटिस
अगली सुनवाई पर यदि ट्रस्टी हाजिर नहीं हुए तो होगी एक तरफा सुनवाई
मुंबई (महानगर समाचार) हिंदू टास्क फोर्स के संस्थापक एडवोकेट खुश खंडेलवाल की मुंबई हाई कोर्ट में बालेशाह पीर दरगाह ट्रस्ट का उत्तन के सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके दरगाह के अवैध निर्माण के विरुद्ध दायर एक जनहित याचिका पर विगत 24 जुलाई को मुंबई उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई, जिस पर न्यायालय ने पिछला आदेश 27/3/ 2024 के अनुसार जिला अधिकारी थाने, अपर तहसीलदार मीरा भयंदर, तथा मनपा आयुक्त मीरा भयंदर ने अपना जवाब दाखिल कर दिया।उपरोक्त लोगो ने अपने ज़बाब में माना कि सरकारी जमीन पर कब्जा करके दरगाह का अवैध निर्माण किया गया है। न्यायालय द्वारा दरगाह ट्रस्ट को पिछली तारीख पर जारी नोटिस के बावजूद दरगाह ट्रस्ट के ट्रस्टी विगत 24 जुलाई को सुनवाई से अनुपस्थित रहे।
मुख न्यायाधीश श्री देवेंद्र उपाध्याय व न्यायाधीश श्री अमित बोरकर की खंडपीठ ने विगत 24 जुलाई को सुनवाई के दौरान दरगाह ट्रस्ट की न्यायालय के नोटिस की तारीख के बावजूद अनुपस्थिति को ध्यान में रखते हुए दरगाह ट्रस्ट को पुनः नोटिस जारी कर अगली तारीख पर हाजिर होने का आखिरी मौका दिया है और कहा है कि यदि अगली तारीख पर दरगाह ट्रस्ट की तरफ से कोई भी हाजिर नहीं हुआ तो जनहित याचिका को दरगाह ट्रस्ट के विरुद्ध एक तरफा सुना जाएगा।
इसके अतिरिक्त उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने पुलिस आयुक्त मीरा भयंदर बसई विरार को भी निर्देश देते हुए कहा कि वह न्यायालय के नोटिस वह इस आदेश की दरगाह ट्रस्ट पर तामील करने हेतु हर मुमकिन प्रयास करें।
वालेशाह पीर दरगाह का क्या है मामला: उत्तन की चौक गांव के सर्वे नंबर 2 की 10,000 वर्गफीट सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से दरगाह का निर्माण किए जाने का दावा किया गया है। साथ ही उत्तन के तारोड़ी गांव के सर्वे नंबर 37 की 57 हेक्टेयर भूमि के मैंग्रोव क्षेत्र को नष्ट कर दरगाह ट्रस्ट द्वारा उस पर कब्जा कर लिए जाने का दावा भी याचिका में किया गया है।
अगली तारीख 4 सितंबर 2024 को है, यदि इस तारीख को दरगाह के ट्रस्टी हाजिर नहीं होते हैं, तो फिर जनहित याचिका पर एक तरफा सुनवाई मुंबई हाई कोर्ट करेगी।