एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा सहित 13 अन्य को उम्र कैद की सजा
लखन भैया फर्जी एनकाउंटर मामले में 3 सप्ताह में आत्म समर्पण करने का कोर्ट का आदेश
मुंबई (महानगर समाचार) मुंबई के विवादित एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पूर्व एसीपी प्रदीप शर्मा एंटीलिया मामले में किसी तरह जेल से बाहर आए थे कि कल मंगलवार को गैंगस्टर छोटा राजन के कथित करीबी रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया फर्जी एनकाउंटर मामले में मुंबई हाईकोर्ट ने 2006 में फर्जी मुठभेड़ में मौत के मामले में दोषी ठहराया तथा उम्र कैद की सजा सुनाई। मुंबई हाई कोर्ट के न्यायाधीश रेवती मोहिते डेरे तथा न्यायाधीश गौरी गोडसे की खंडपीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने साबित किया है कि रामनारायण गुप्ता को पुलिस द्वारा मार दिया गया था और इसे एक वास्तविक मुठभेड़ की तरह दिखाया गया। हाई कोर्ट ने मामले में 12 पूर्व पुलिस कर्मियों और एक नागरिक सहित 13 अन्य आरोपियों को भी दोष सिद्ध और आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा। कोर्ट ने शर्मा को तीन सप्ताह में संबंधित सत्र अदालत के समक्ष आत्म समर्पण करने का निर्देश दिया है। जिन 13 अन्य लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई उनके नाम पूर्व पुलिसकर्मी नितिन सरतापे संदीप सरकार, तानाजी देसाई, प्रदीप सूर्यवंशी, रत्नाकर कांबले, विनायक शिंदे, देवीदास सपटकाल, अनंत पताडे, दिलीप पलांडे, पांडुरंग कोकम, गणेश हरपुडे ,प्रकाश कदम और एक नागरिक हितेश सोलंकी शामिल है।
गैंगस्टर एक्ट में मामला दर्ज किया गया था, मुंबई हाई कोर्ट ने कहा कि कुख्यात गैंगस्टर छोटा राजन के सहयोगी रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया के फर्जी एनकाउंटर मामले में प्रदीप शर्मा दोषी हैं। जबकि इस मामले में 2013 में सेशन कोर्ट ने 21 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी जबकि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को बरी कर दिया था। बसई में रहने वाले रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। 11 नवंबर 2006 को मुंबई पुलिस की एक टीम ने उसे छोटा राजन गिरोह के संदिग्ध सदस्य के रूप में हिरासत में लिया था और उसी दिन शाम को पश्चिम मुंबई के वर्सोवा में लखन भैया का एनकाउंटर कर दिया था।
कौन है एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा?
प्रदीप शर्मा 1983 में पुलिस बल में शामिल हुए। बेहद विवादास्पद और उथल-पुथल वाला रहा उनका करियर। 2006 में लखन भैया फर्जी मुठभेड़ और कुख्यात डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ संबंधों के मामले में उन्हें निलंबित कर दिया गया। 2019 में शिवसेना के टिकट से नालासोपारा विधानसभा का चुनाव लड़ा जिसमें उन्हें पराजय मिली। एंटीलिया ब्लास्ट और मनसुख हिरेन हत्याकांड में उन्हें जेल भेजा गया था, उसके बाद प्रदीप शर्मा को अगस्त 2023 में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली उसके बाद कल मुंबई हाई कोर्ट द्वारा उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाने के बाद अब तीन सप्ताह के भीतर सत्र न्यायालय के समक्ष उन्हें आत्मसमर्पण करना होगा।