क्राइममहाराष्ट्र

महाराष्ट्र से एक लाख महिलाएं पिछले तीन साल में अचानक रहस्यमय ढंग से हुई गायब

पूर्व सैनिक की जनहित याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग

मुंबई (महानगर समाचार) विगत गुरुवार को मुंबई हाईकोर्ट में एक हैरान कर देने वाली जनहित याचिका दायर की गई जिसमें मांग की गई है कि महाराष्ट्र पुलिस 2019 से 2021 की अवधि के दौरान महाराष्ट्र से लापता हुई लगभग एक लाख महिलाओं की तलाश करें। याचिका में जानकारी दी गई है कि विगत 3 वर्षों में राज्य से तकरीबन 1 लाख महिलाएं रहस्य में तरीके से गायब हुई हैं इसी याचिका पर जल्द सुनवाई होने की संभावना है। सांगली के 49 वर्षीय पूर्व सैनिक शाहजी जगताप जो सरकारी खजाना विभाग में काम करते हैं जगताप ने अपने वकील मंजरी पर्सिनिस के माध्यम से जनहित याचिका दायर की है। जगताप की अपनी बेटी सांगली विज्ञान तृतीय वर्ष की छात्रा दिसंबर 2021 में अचानक लापता हो गई इसके बाद जगताप ने सांगली के संजय नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया हालांकि पुलिस उनकी बेटी का पता नहीं लगा सकी। याचिका में यह भी कहा गया है कि जगताप अपनी बेटी की तलाश कर रहा था क्योंकि उसे जानकारी मिली थी कि उसने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया है उसने एक आदमी से शादी कर ली है।

पुलिस नहीं कर रही है गायब महिलाओं को ढूंढने का प्रयास:-याचिका में बताया गया है कि वह (जगताप ) अपनी बेटी से केवल 2 मिनट के लिए ही मिल पाए और तब से उसने परिवार से संपर्क नहीं किया था सभी रिश्ते खत्म भी नहीं किए। उनकी बेटी को पुलिस उसे घर लाने का कोई प्रयास नहीं कर रही है हम यह भी समझते हैं कि हमारी बेटी अपनी जिंदगी वैसे ही जीना चाहती है जैसे वह जीना चाहती है। हालांकि याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि पिछले कुछ वर्षों में उसकी तलाश के दौरान परिवार को काफी आघात और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
सामने आई चौंकाने वाली जानकारियां:-खुद की बेटी की तलाश कर रहे जगताप को गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र में 18 साल से ज्यादा उम्र की लड़कियां और महिलाएं सालों से लापता है। साल 2019 में 35990 लड़कियां या महिलाओं को खोजा नहीं गया या मिली ही नहीं। साल 2020 में 30,089 और 2021 में 34163 लड़कियों के लापता होने का खुलासा हुआ है। महिलाओं के लापता होने की घटना को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में इस गंभीर मुद्दे पर एक आदेश दिया था। हालांकि याचिका में कहा गया है कि इन मुद्दों पर पुलिस प्रशासन और अधिकारियों का रवैया बेहद लापरवाही भरा है। पुलिस अधिकारियों को इन लगभग एक लाख लापता महिलाओं को खोजने के लिए अपने संवैधानिक दायित्वों का एहसास करना चाहिए

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