लाउडस्पीकर विवाद के बीच मुजफ्फर हुसैन की पहल का लोग कर रहे तारीफ
मीरारोड में सड़क पर नमाज हुआ बंद, लाउडस्पीकर का आवाज भी हुआ कम
मीरारोड(अशोक निगम) महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के सुप्रीमो राज ठाकरे द्वारा आगामी 3 मई को मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवाने की धमकी के बीच जहां लाउडस्पीकर का मुद्दा गरमाया हुआ है वहीं पर मुंबई से सटे मीरा रोड के पूर्व एमएलसी विधायक मुजफ्फर हुसैन ने एक नई पहल करते हुए सबसे पहले सड़क पर नमाज पढ़ने को अनुचित बताते हुए मीरारोड के अल शम्स मस्जिद में शुक्रवार को जुमा की नमाज को दो चरणों में पढ़ने की सुविधा उपलब्ध करवाई है।जुमा के दिन पहला नमाज़ दोपहर 1.15 बजे तथा दूसरी जमात को दो बजे शुरू होती है और ईद के दिन लोग तीन जमात में नमाज पढ़ सकेंगे।खुद मुजफ्फर हुसैन का मानना है कि नमाज़ पवित्र मतलब साफ सुथरे स्थान पर पढ़ना चाहिए। लोग सड़क पर अखबार या चटाई बिछाकर नमाज पढ़ते है वह गलत है क्योंकि सड़क गंदे होते है इस लिए सड़क पर नमाज़ अनुचित है।मुजफ्फर हुसैन ने जहा सड़क पर नमाज को बंद करवाया वही पर अल शम्स मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर को सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन के तहत तय समय सीमा पर एक निश्चित डिसेबल पर रखवाकर एक अनोखा मिसाल पेश किया है जिसका सभी लोगो ने खुले दिल से स्वागत कर रहे है। लाउडस्पीकर विवाद के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुजफ्फर हुसैन की यह पहल एक नजीर बन कर सामने आई है। मुजफ्फर हुसैन का कहना है कि यदि समाज के सभी वर्गों के लोग अपने धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर को सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के तहत रखें तो कोई विवाद ही पैदा नहीं होगा।