लखनऊ (महानगर संवाददाता) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन में कानून व्यवस्था और अपराधियों पर अंकुश लगाने की हमेशा दुहाई दी जाती है वहीं पर आज उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ में न्यायालय परिसर में दिनदहाड़े वकील के भेष में हत्यारे आए और ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर मुख्तार अंसारी के शूटर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा को मौत के घाट उतार दिया। इस गोलीबारी में एक पुलिस वाले तथा दो छोटी बच्ची गंभीर रूप से घायल हुई है जिसका इलाज इस समय अस्पताल के आईसीयू में चल रहा है। जबकि घायल पुलिस वाले खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि आज 4 बजे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एससी एसटी कोर्ट के बाहर फायरिंग की घटना को अंजाम दिया गया। फायरिंग करने वाले वकील की ड्रेस में आए बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई। गोली चलाने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है जिसका नाम विजय यादव जो जौनपुर जिले का बताया जा रहा है। और उसका कोई अपराधिक बैकग्राउंड भी नहीं है। सिर्फ उसके ऊपर लड़की भगाने और कोविड नियमों का पालन न करने का मामला दर्ज है और वह मुंबई में रहता था ।तीन महीने पहले वह मुंबई से अपने गांव वापस आया था। हत्यारोपी किसान परिवार से संबंधित बताया जा रहा है। हत्या क्यों की गई इसकी जांच के लिए पुलिस टीम पहुंच गई है।
बता दें कि आज जिस मुख्तार अंसारी के शूटर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या की गई है उसकी पत्नी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों से गुहार लगा चुकी थी कि उसके पति की हत्या की जा सकती है। इसलिए जब भी न्यायालय में पेशी के लिए उसे लाया जाता था तब उसे बुलेट प्रूफ जैकेट पहनाया जाता था, परंतु आज उसे बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं पहनाया गया था इसी का फायदा उठाकर शूटर्स ने उसकी हत्या कर दी।
योगी आदित्यनाथ के सामने कानून व्यवस्था असफलता की यह दूसरी सबसे बड़ी घटना है। इससे पहले प्रयागराज में मेडिकल चेकअप के समय पत्रकार के भेष में आए शुतरो ने अतीक अहमद तथा अशरफ की हत्या कर दी थी।
आज हुए न्यायालय परिसर में इस शूटआउट कांड की निंदा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल एक तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की है जो एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। आज के शूटआउट में मारे गए संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा के ऊपर लगभग दो दर्जन मामले दर्ज थे जिसमें से करीब 17 मामले में वह बड़ी हो चुका था। आज उत्तर प्रदेश के राजधानी में हुए इस गोलीबारी से वाकई कानून व्यवस्था असफल होने की यह चिंताजनक बात है। सरकार को ऐसे मामले में ठोस कदम उठाने की जरूरत है। जिससे इस प्रकार की घटना को फिर कोई अंजाम न दे सके।