करवा चौथ पर बन रहे खास संयोग में व्रत-पूजन है फलदायी
मछलीशहर। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस साल इस व्रत का सुखद संयोग 24 अक्टूबर दिन रविवार को मिलेगा। यह व्रत अपने नियमों को लेकर बेहद कठिन माना जाता है। सूर्योदय से पहले यह व्रत शुरू होता है। पूरे दिन निर्जला व्रत के बाद रात को चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत खोला जाता है। ज्योतिष व तंत्र आचार्य डा. शैलेश मोदनवाल ने बताया कि इस वर्ष बन रहे खास संयोग में व्रत-पूजन से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीष मिलेगा। इस वर्ष इस व्रत के दौरान उच्च का चंद्रमा अर्थात वृष राशि में चंद्र का संचरण होगा और रोहणी नक्षत्र का मंगलकारी संयोग बनेगा जो व्रती महिलाओं के लिए बहुत ही शुभ फलदायी है। सूर्योदय प्रातः 06-22 बजे होगा जबकि चन्द्रोदय रात्रि 07-52 बजे के बाद होगा इस तरह व्रत की अवधि 13 घंटे 30 मिनट रहेगी। इस व्रत को लेकर शास्त्रों में यह बताया गया है कि इसको करने से न सिर्फ पति की आयु लंबी होती है बल्कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन की सारी परेशानियां भी दूर होती हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कहते हैं कि सुहाग के व्रत को करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और परिवार संकट से दूर रहता है। इस दिन माता पार्वती, शिवजी और कार्तिकेय का पूजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवा रखें। एक थाली में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक जलाएं। पूजा चंद्रमा के निकलने के एक घंटे पहले शुरु कर दें। इसके बाद चन्द्र का दर्शन कर व्रत खोलें।