मनपा आयुक्त दिलीप ढोले का तुगलकी फरमान,मीरा भायंदर मनपा क्षेत्र में कत्लखाने की करेंगे निर्माण
मेहता ने दी खुली चेतावनी,सात दिनों के अंदर मनपा आयुक्त कत्लखाने का आदेश रद्द नही किया तो होगा तीव्र आंदोलन
उत्तन के किसानों को नगर रचना विभाग ने जगह खाली करने के लिए भेजी नोटिस
भायंदर(अशोक निगम) मुंबई से सटे मीरा भायंदर महानगर पालिका क्षेत्र को ईसाई समाज का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल वैलंकन्नी चर्च, बौद्ध धर्म का विश्व का सबसे बड़ा पगोड़ा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का केशव सृष्टि, जैन धर्म का महाराष्ट्र का एकमेव बावन जिनालय,कई प्राचीन मंदिरों, किला और न्यायिक एकेडमी के रूप से जाना जाने वाला शहर अब मनपा आयुक्त दिलीप ढोले के अदूरदर्शिता के कारण कतलखानो के कारण जाना जायेगा।इस शहर को शिक्षा और स्वास्थ्य की बहुत आवश्यकता है, क्योंकि शहर में सरकारी अच्छे अस्पताल ना होने के कारण तथा सरकारी कॉलेज ना होने के कारण लोगों को मुंबई की तरफ शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं लेने के लिए जाना पड़ता है। ऐसे में इस शहर को कत्लखाने बनवाने की मनपा आयुक्त की मंशा समझ से परे है।
ज्ञात हो कि वर्ष 1997 में जारी की गई मीरा भायंदर शहर के पहला डी पी प्लान में भायंदर पश्चिम के उत्तन गांव में सर्वे क्रमांक 285 में एक कत्लखाने का आरक्षण किया गया था लेकिन वर्ष 2013 में उत्तन और इसके आसपास के क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित करने के पश्चात सरकार ने इस क्षेत्र को एमएमआरडीए को हस्तांतरित कर दिया था। उसके बाद एमएमआरडीए इस क्षेत्र के लिए नई विकास योजना तैयार की, इस योजना में कत्लखाने के मूल आरक्षण को सर्वे क्रमांक 282 हिस्सा क्रमांक 4 में स्थानांतरित कर दिया था। उस समय मनपा में भाजपा की सरकार थी जिसे कत्लखाने बनाने की योजना को रद्द कर दिया था। उस समय भी उत्तन में कत्लखाने बनाने का विरोध किसानों ने किया था आज भी वहां के कोली समाज के लोगो एवम किसानों ने इसका जबरदस्त विरोध किया है। अभी जो नया डी पी प्लान आया है उसमे भयंदर वेस्ट में भी एक कत्लखाना बनाने का जगह दिखाया गया है। भायंदर प्राकृतिक सौंदर्य तथा जैन,गुजराती, मारवाड़ी और उत्तर भारतीय समाज बहुल क्षेत्र होने के कारण सभी लोगों में कत्लखाने बनाने के विरोध में तीव्र आक्रोश दिखाई दे रहा है। पूर्व विधायक भाजपा के नरेंद्र मेहता ने मनपा आयुक्त को सात दिन की समय सीमा देते हुए कहा है कि यदि आयुक्त महोदय इन सात दिनों के अंदर कत्लखाने के आदेश को रद्द नहीं किया तो हम सब सड़क पर उतरकर इसका जोरदार विरोध प्रदर्शन करेंगे। नरेंद्र मेहता ने कहा कि उत्तन के लोग घनकचरा प्रकल्प से पहले ही से परेशान हैं। ऊपर से अब कत्लखाना पर्यावरण की दृष्टि से भी किसी भी तरह जायज नहीं है। और हम इसका मरते दम तक विरोध करेंगे। अब देखना है कि मनपा आयुक्त शहर के विकास के नाम पर कत्लखाना बनाकर लोगों में आक्रोश पैदा करना चाहते हैं या शहर के जनभावना के अनुसार कत्लखाने का आदेश रद्द करते हैं। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। परंतु मनपा आयुक्त दिलीप ढोले का कत्लखाना बनाने का आदेश कहीं से भी जायज नहीं लगता, यह सिर्फ उनका तुगलकी फरमान दिखाई देता है।