आस्थामहाराष्ट्र

मीरा भायंदर में उत्तरांचल मित्र मंडल की रामलीला का होगा भब्य मंचन

उत्तरांचल मित्र मंडल भायंदर (रजि.) के सानिध्य में एक बार पुनः श्री आनंद दिघे मैदान मीरा भायन्दर की इस पावन धरती पर दिनांक 07 दिसंबर से 17 दिसंबर तक 11 दिवसीय रामलीला महोत्सव का आगाज होने जा रहा है. यह हम सभी उत्तराखंडी समाज के लिए बड़ा ही गौराविंत पल होगा जिसके लिए हम पिछले दो वर्ष से पलकें बिछाए बैठें थे. इस महोत्सव में सनातनी सभ्यता के प्रतीक भगवान श्री राम की विभिन्न लीलाओं को क्रमबद्ध तरीके से उत्तराखंड के स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रदर्शितं किया जाएगा।
माना जाता रहा है कि मुम्बई महानगर और इसके इर्द गिर्द के उपनगरों में, सर्वप्रथम भगवान श्री राम की लीलाओं को उत्तराखंड के बुद्धिजीवियों ने मंचित किया था. जिसके इतिहास को बरिष्ठ समाजसेवक श्री रमन मोहन कुकरेती जी ने एक पुस्तक में विस्तृत जानकारी के साथ संकलित किया है।
बीच में कई बर्षों तक रामलीला के आयोजनों पर विराम सा लग गया था और इन आयोजनों के माध्यम से उत्तराखंड समाज को एक अलग पहचान दिलाने वाली इस ऐतिहासिक खंड का मानो अंत हो गया था।
उत्तरांचल मित्र मंडल भायंदर के तत्कालीन पदाधिकारी श्री शंकर रावत (अध्यक्ष), श्री हयात सिंह राजपूत (महासचिव ), श्री नरेंद्र राजपूत (कार्यकारी अध्यक्ष)एवं श्री विक्रम नेगी (कोषाध्यक्ष) तथा समस्त कार्यकारणी ने समाज के लोगों की भावनाओं को समझते हुए और अपने पूर्वजों की इस परंपरा को फिर से जीवित करने हेतु 2016 में संकल्प लिया कि हम भगवान श्री राम की लीलाओं को आने वाले 14 वर्षों तक लगातार प्रदर्शित करके अपने इस गौरवशाली इतिहास की पुनरावृत्ति करेंगे और इसी क्रम में उत्तराँचल मित्र मण्डल भायन्दर के वर्तमान पदाधिकारियों श्री अर्जुन रावत (अध्यक्ष ), श्री सुरेंद्र भट्ट (महासचिव ), श्रीमती लक्ष्मी रावत (कार्यकारी अध्यक्षा), श्री प्रदीप रावत (कोषाध्यक्ष ), मण्डल के वरिष्ठ सदस्य एवं समस्त कार्यकारिणी द्वारा इस साल (2022) भी पुनः रामलीला महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
भायंदर की इस रामलीला को न केवल उत्तराखंडी समाज बल्कि अन्य समाज के लोगों ने भी बहुत सराहा है और इसे बहुत उच्च स्तर की लीलाओं का दर्जा दिया है। इस लीला की विशेषता यह है कि इस लीला में मंचित होने वाला कोई भी कलाकार नियमित(प्रोफेशनल ) नहीं है बल्कि महानगर में रहने वाली वाली उत्तराखंडी गृहणीयाँ बहनें एवं नौकरी पेशे से जुड़े हमारे उत्तराखंडी पुरुष भाई नियमित 4 महीने के पूर्वअभ्यास के उपरान्त इस लीला को मंचित करते हैं.
उत्तरांचल मित्र मंडल भायंदर के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा कार्यकारणी के वरिष्ठ सदस्य श्री अनिल भट्ट को लीला के निर्देशन का भार सौंपा. जिनकी देख रेख में ही सभी कलाकारों को तालीम दी जाती है। श्री भट्टजी को रामलीला मंचन का बहुत लंबा अनुभव है और यही कारण है कि श्री अनिल भट्ट ने अपने आपार अनुभव से इस लीला को उच्चस्तरीय बनाया है। सहायक निर्देशक के रूप में श्री जयसिंह गुसाईं जी और श्री प्रमोद नेगी जी का उन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है. श्री हरीश नेगी के कंधों पर मंच निर्देशन का भार सौंपा गया.
उत्तरांचल मित्र मंडल भायंदर समाज के सभी भाई और बहनों से प्रार्थना करता है कि इस राम लीला में सहभागी बनकर तथा भगवान श्री राम की इस लीला महोत्सव को सफल बनाने में अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने की कृपा करें. आपसे सहयोग की अपेक्षा में.
विनीत
उत्तरांचल मित्र मंडल ,भायंदर (रजि.)
समस्त कार्यकारणी।

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