आस्था

चार ग्रहों की युति से दीपावली पर दुर्लभ संयोग

मछलीशहर। कार्तिकमास की अमावस्या के दिन दीपावली मनायी जाती है। इस वर्ष लक्ष्मीपूजन के इस महापर्व का सुखद संयोग 4 नवम्बर गुरुवार को प्राप्त होगा। ज्योतिष एवं तंत्र आचार्य डॉ शैलेश मोदनवाल के अनुसार इस वर्ष इस पुण्यदायी पर्व पर चार ग्रह एक ही राशि में होने के कारण विशेष शुभ संयोग बन रहा है। दीपावली पर सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा ये चारों ग्रह तुला राशि में रहेंगे। ग्रहों की यह स्थिति काफी दुर्लभ और शुभ मानी जाती है। तुला राशि का स्वामी शुक्र है और लक्ष्मी जी की पूजा करने से शुक्र अधिक शुभ फल देता है। शुक्र ग्रह धन और भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक ग्रह है। ऐसे में ग्रहों के राजा सूर्य, बुध ग्रह के राजकुमार, ग्रहों के सेनापति मंगल और चंद्रमा मन के कारक हैं।
दीपोत्सव पंचपर्व का तीसरा और मुख्य दिन दिवाली का है। माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान धन, वैभव, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी भी कार्तिक माह की अमावस्या को प्रकट हुई थीं। इसी वजह से दिवाली के दिन मां लक्ष्मी का स्वागत और उनके पूजन की परंपरा है। इस दिन घरों को सजाया जाता है और दीप जलाकर अंधकार को मिटाया जाता है। यह भी मान्यता है कि रावण का वध कर चौदह वर्षों के वनवास के बाद इसी दिन भगवान राम अयोध्या लौटे थे। तब उनका स्वागत घर-घर दीप जला कर किया गया था।
लक्ष्मी पूजन मुहुर्त
वृष लग्न – रात्रि 5-52 बजे से रात्रि 7-49 बजे तक।
सिंह लग्न – रात्रि 12-20 बजे से रात्रि 2-36 बजे तक।

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