आस्थामहाराष्ट्र

मीरा भयंदर का एक पर्यावरण प्रेमी वर्षों से पर्यावरण को संतुलित रखने का प्रयास कर रहा है

मनपा के उप महापौर हसमुख गहलोत का कहना है कि एक दिन में नहीं, लेकिन एक दिन जरूर सभी लोग पर्यावरण पूरक गणेश प्रतिमा स्थापित करेंगे

मुंबई (महानगर समाचार) विकास की अंधी दौड़ में आज पूरी दुनिया पर्यावरण को भयंकर नुकसान पहुंचा चुकी है और पहुंचा रही भी है, जिसका नतीजा है कि पूरी दुनिया का पर्यावरण इस समय असंतुलित हो गया है। प्रकृति ने भी अब अपना भयंकर रूप दिखाना चालू कर दिया है। जिसके कारण आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग जैसे भयंकर दुष्परिणाम का शिकार हो रही है। कहीं भी बेमौसम बारिश तो कहीं तूफान, भूकंप,भयंकर गर्मी इत्यादि लगातार आना जारी है। पर्यावरण असंतुलित होने के कारण अब दुनिया के देश पर्यावरण के प्रति चिंतित दिखाई दे रहे हैं और इसके लिए विश्व पृथ्वी सम्मेलन जैसे प्रयास भी हो रहे हैं। पर्यावरण असंतुलित होने से जहां पूरी दुनिया के लोग चिंतित दिखाई दे रहे हैं वहीं पर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से सटे हुए मीरा भयंदर मनपा क्षेत्र में भी एक पर्यावरण प्रेमी वर्षों से पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रयासरत हैं। उस पर्यावरण प्रेमी का नाम हसमुख गहलोत है, वे अपने नाम को सही अर्थों में चरितार्थ करते हुए सदैव हसमुख मिजाज रहते हुए प्रत्येक वर्ष गणेश उत्सव के पावन पर्व पर ज्यादा से ज्यादा लोग इकोफ्रेंडली, पर्यावरण पूरक गणेश मूर्ति अपने यहां स्थापित करें इसके लिए लगातार कई
वर्षों से प्रयास कर रहे हैं। क्योंकि महाराष्ट्र में गणेश उत्सव का पर्व, त्यौहार सबसे बड़ा पर्व माना जाता है, लोग बड़ी श्रद्धा के साथ अपने यहां गणपति बप्पा को लाकर पूजा अर्चना करते हैं, और डेढ़ दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन और 10 दिन पश्चात गणेश विसर्जन करते हैं। पहले जहां गणेश मूर्ति पीओपी से तैयार होती थी और विसर्जन जब समुद्र में की जाती थी तो उससे पर्यावरण को भयानक नुकसान होता था। इसी भयानक पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे इसके लिए मीरा भयंदर के पूर्व उपमहापौर हसमुख गहलोत सेमिनार द्वारा मूर्ति प्रदर्शनी द्वारा एवं अन्य तरीकों से लोगों को जागरुक करते चले आ रहे हैं। उन्हीं की जागरूकता के कारण आज मीरा भयंदर में बड़ी संख्या में लोग पर्यावरण पूरक गणेश प्रतिमा को अपने यहां स्थापित करना आरंभ कर दिए हैं। लेकिन अभी हसमुख गहलोत जैसे पर्यावरण प्रेमी की बातों को और जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। क्योंकि जब पर्यावरण सही रहेगा तभी हम मानव समाज जीवित रह सकते हैं। इस बात को हर व्यक्ति तक प्रचार प्रसार एवं अन्य तरीके से लोगों तक पहुंचाने की आवश्यकता है। जहां बहुत से लोग एक दिन स्वच्छता कार्यक्रम चलाकर या एक दिन वृक्षारोपण करके सुर्खियों में मात्र बने रहने का उनका उद्देश्य होता है। वहीं पर हसमुख गहलोत का जागरूकता अभियान हकीकत के धरातल से जुड़ा हुआ है। इसलिए हम सभी का कर्तव्य है कि उनके जागरूकता अभियान में जो जिस प्रकार पर्यावरण को संतुलित रखने में मदद कर सकता है उन्हें आगे आकर करना चाहिए। हसमुख गहलोत के पर्यावरण प्रेम को देखकर उनसे सीख लेनी चाहिए कि यह सिर्फ उनका ही कर्तव्य नहीं है बल्कि इस शहर में रहने वाले हर जागरूक नागरिक, व्यक्तियों का कर्तव्य है कि वह हसमुख गहलोत के अभियान को अपना समर्थन, सहयोग पहुंचाने में मदद करें। तभी उनके प्रयास को सार्थक रूप में परिलक्षित होते हुए देखा जा सकता है। हसमुख गहलोत के कार्यों की जितनी तारीफ की जाए वह कम है। हम लोगों को आशा करनी चाहिए कि 2025 में होने वाले गणेश उत्सव के पर्व में लोग शत प्रतिशत पर्यावरण पूरक प्रतिमा स्थापित करेंगे।

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