शुभ कार्यों के लिए विशेष मुहूर्त है गुरू पुष्य योग
मछलीशहर। 28 अक्टूबर को गुरू पुष्य अमृतसिद्ध योग प्रातः 6-37 बजे के बाद प्राप्त होगा। यह योग पूरे दिन व रात्रि में भी रहेगा। ज्योतिष एवं तंत्र आचार्य डॉ शैलेश मोदनवाल के अनुसार पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि है जब इस नक्षत्र का संयोग गुरुवार के दिन प्राप्त होता है तो इसे गुरू पुष्य योग के नाम से जाना जाता है। गुरू पुष्य योग एक असाधारण योग है जिसमें विवाह को छोड़ करके बाकी सभी मांगलिक एवं शुभ कार्य किए जा सकते हैं। गुरु पुष्य योग में सभी अशुभ योगों को दूर करने की क्षमता होती है। इस योग में महालक्ष्मी का पूजन बहुत ही महत्वपूर्ण और लाभप्रद होता है। मां महालक्ष्मी का आह्वान कर उनकी कृपा दृष्टि से समृद्धि और शांति प्राप्त की जा सकती है। इस योग में अपने इष्ट भगवान की पूजा-अर्चना कर मनोवांक्षित सिद्धि प्राप्त की जा सकती है। अपने दैनिक जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए गुरु पुष्य योग में कोई भी नया कार्य कर सकते हैं, जैसे – नौकरी, व्यापार या परिवार से जुड़े कार्य, बंद हो चुके कार्य भी इस योग में शुरू करने से सफलता की गारंटी मानी जाती है। वस्तुओं के क्रय विक्रय के लिए भी यह अच्छा मुहूर्त माना जाता है। कार्तिक मास में दीपावली के एक सप्ताह पूर्व बन रहे इस योग को लेकर लोगों में उत्साह है।