महाराष्ट्रराजनीति

मनोज जरांगे के खिलाफ होगी एसआईटी जांच

जरांगे को भारी पड़ा बड़बोलापन, देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ लगाया था आपत्तिजनक आरोप

मुंबई(महानगर संवाददाता) मराठा आरक्षण की मांग करने वाले मनोज जरांगे भीड़ का खौफ दिखाकर सरकार को अपनी उंगली पर नचाने का कोशिश करने वाले बुरी तरह फसते हुए नजर आ रहे हैं। अब कानून का शिकंजा उनके खिलाफ कसने लगा है। मनोज जरांगे ने बड़बोलापन दिखाते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए चुनौती देने वाले जाएंगे अब सरकार के रडार पर आ गए हैं। जरांगे का मुद्दा कल मंगलवार को विधानसभा और विधान परिषद के दोनों सदनों में उठने के बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मनोज जरांगे के विरुद्ध एसआईटी जांच के आदेश जारी कर दिए। मनोज जरांगे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर उनकी हत्या की साजिश रचने का सनसनीखेज गंभीर आरोप लगाया था, यह आरोप लगाने के दौरान गुस्से में आए जरांगे ने फडणवीस को चुनौती देते हुए कहा था कि मैं आपके मुंबई स्थित सरकारी निवास सागर पर आ रहा हूं। मीडिया के हवाले से जरांगे ने यह भी कहा था कि वह मुंबई आकर फडणवीस की खुमारी निकाल देंगे। सत्ता पक्ष को लगता है कि जरांगे राष्ट्रवादी व शिवसेना (उद्धव गुट )के नेताओं के इशारे पर ऐसा कर रहे हैं, इसलिए जरांगे के आंदोलन के लिए धन कौन उपलब्ध करा रहा है? इसकी जांच की मांग पहले से ही उठ रही थी गंभीर आरोपों के साथ उनके बुरे बर्ताव का मुद्दा विधायक व मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष आशीष सेलार ने मंगलवार को विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान विधानसभा में उठाया तो वहीं पर विधान परिषद में बीजेपी गुट के विधायक प्रवीण दरेकर ने जरांगे के खिलाफ एसआईटी जांच की मांग की जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने सरकार को जांच का आदेश दिया।
एसआईटी जांच के साथ ही साथ अंतरवाली सराती स्थित आंदोलन स्थल पर मनोज जरांगे के समर्थकों द्वारा बनाए गए मंडप को हटाने का आदेश सरकार ने दिया, इससे मनोज जरांगे के तेवर ढीले पड़ गए हैं। सोमवार को अपना अनशन खत्म करने का ऐलान कर चुके जरांगे अस्पताल में इलाज करा रहे थे लेकिन मंडप हटाने के लिए पुलिस के आने की सूचना मिलते ही जरांगे अंतरावली के लिए रवाना हो गए। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के बारे में अपने बयान को लेकर मीडिया में माफी भी मांगी है।
दूसरी तरफ बीजेपी ने आरोप लगाया है कि मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन के पीछे राष्ट्रवादी शरद पवार गुट के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व विधायक राजेश टोपे का हाथ है। इसके जवाब में राजेश टोपे ने कहा कि मेरा जरांगे पाटिल के आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है अगर यह आरोप साबित होता है तो मैं राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लूंगा। कुल मिलाकर भीड़ का खौफ दिखाकर मनोज जरांगे सरकार को अपने इशारे पर नचाने का प्रयास करने तथा उनका बड़बोलापन के कारण अब वे कानूनी शिकंजे में बुरी तरह फसते नजर आ रहे हैं।

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