महाराष्ट्रराजनीति

मीडिया आरोपी और अपराधी में अंतर समझे, पुलिस अधिकारियों को राजनीतिक साजिश का शिकार ना बनाएं

जितने राजनेताओं पर आरोप लगे हैं क्या पुलिस उनसे दूरी बनाए रख पाएगी?

भाईंदर (महानगर संवाददाता) भाईंदर (ईस्ट) के नवघर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मिलिंद देसाई के जन्मदिन पर पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता का शामिल होना और उन्हें जन्मदिन की शुभकामना देना इन दिनों कुछ समाचार पत्रों तथा सोशल मीडिया की सुर्खियां बनी हुई है, जिसमें नवघर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मिलिंद देसाई के ऊपर कार्रवाई करने की मांग की गई है।
ज्ञात हो कि विगत 5 सितंबर को भाईंदर (ईस्ट) के नवघर पुलिस स्टेशन के तेजतर्रार वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मिलिंद देसाई का जन्मदिन था, इस अवसर पर समाज के सभी क्षेत्रों के लोगों ने नवघर पुलिस स्टेशन पहुंच कर उन्हें शुभकामना दी उनके साथ केक कांटे और जन्मदिन के खुशी में शरीक हुए। इसी जन्मदिन के उपलक्ष्य में पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता भी मिलिंद देसाई को जन्मदिन की बधाई देते हुए चित्र में दिखाई दे रहे हैं। इसी बात को लेकर सोशल मीडिया में और कुछ समाचार पत्रों में बताया गया कि पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता के ऊपर दो दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, इसलिए उनका देसाई को जन्मदिन की बधाई देना गलत था और इसके लिए मिलिंद देसाई के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए।
परंतु सवाल यह है कि आरोपी और अपराधी में मीडिया और सोशल मीडिया वाले इसमें अंतर समझे कि जब तक किसी व्यक्ति पर आरोप सिद्ध नहीं हो जाता और उसे सजा ना हो जाए वह तब तक अपराधी नहीं माना जाता। मात्र वह आरोपी होता है और आरोपी के आधार पर आप किसी व्यक्ति या राजनेता को किसी कार्यक्रम में आने जाने से रोकना कानूनी ढंग से और सामाजिक ढंग से भी अनुचित है। देश में बहुत से राजनेता हैं जिनके ऊपर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं क्या उनसे इसी तरीके के दूरियां पुलिस अधिकारी बना कर रख सकेंगे शायद यह संभव नहीं है? जब कोई सार्वजनिक जन्मदिन या कोई और कार्यक्रम मनाता है और उसमें कोई शरीक होता है तो उस व्यक्ति को जिसे आरोपी बताया गया है उसे कैसे रोका जा सकता है, इसका जवाब तो यहां के कुछ वक्री पत्रकार ही बता सकते हैं। मीडिया वालों को ऐसे पुलिस अधिकारियों को राजनैतिक साजिश का शिकार नहीं बनाना चाहिए । पुलिस अधिकारी अपने कर्तव्यों को करते समय जब हम होली दीपावली, ईद, बकरीद पर अपने घरों में जश्न खुशियां मनाते हैं, उस समय यही पुलिस अधिकारी देश में, शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्यूटी पर तैनात होकर अपने पारिवारिक खुशी को हमेशा तिलांजलि दे देते हैं, और यदि एकाध ऐसे जन्मदिन के खुशी के मौका उन्हे मिले तो उसे राजनीतिक साजिश का शिकार नहीं बनाना चाहिए। नवघर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मिलिंद देसाई जबसे अपना कार्यभार संभाला है तभी से आम जनता में उनके कार्यों की सराहना की जाती रही है, उसी का नतीजा है कि उनके जन्मदिन पर इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें जाकर व्यक्तिगत रूप से शुभकामना और बधाइयां दी। जो लोग वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मिलिंद देसाई को राजनीतिक साजिश के शिकार बनाना चाहते हैं, इस बात को संज्ञान में लेते हुए पुलिस विभाग भी मानवता के दृष्टिकोण अपनाते हुए मिलिंद देसाई जैसे कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी के ऊपर कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए। और यदि मिलिंद देसाई के खिलाफ कुछ विभागीय कार्रवाई हुई तो यह मानवता के लिहाज से सरासर नाइंसाफी होगी ।अब देखना है कि पुलिस विभाग इस मामले में क्या फैसला लेती है।

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