आस्था

साध्य योग में नागपंचमी का संयोग है फलदायी

मछलीशहर l नागपूजन का विशेष पर्व श्रावण शुक्ला पंचमी को नागपंचमी मनायी जाती है l इस वर्ष इस पावन पर्व का सुखद संयोग 13 अगस्त शुक्रवार को मिल रहा है l उक्त दिन साध्य योग रहेगा जो देवपूजन के लिए विशेष फलदायी मुहूर्त है। श्रावण शिव को समर्पित है इसलिए शिव की अर्चना के साथ इस दिन नागों की पूजा-अर्चना किया जाता है l ऐसी मान्यता है शिव संग नागों की अर्चना से अमोघ फल की प्राप्ति होती है l ज्योतिषाचार्य डॉ शैलेश मोदनवाल बताते है कि यजुर्वेद के रूद्राष्टाध्यायी एवं वाल्मीकि रामायण में भी सर्प पूजन का वर्णन मिलता है l सर्प भगवान शिव के आभूषण माने जाते है l नाग सूर्य एवं शक्ति के अवतार है l नागपंचमी के दिन अनन्त, वासुकि, तक्षक, करकोंटक और पिंगल पांच नागों की उपासना की जाती है l आस्तीक ऋषि ने जनमेजय के सर्प यज्ञ में पाताल वासी तक्षक सर्प को भस्म होने से बचाया था इसलिए ‘ ‘ आस्तीक आस्तीक’ ‘ पुकारने से सर्प का क्रोध शान्त हो जाता है l डॉ मोदनवाल के अनुसार इस दिन चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा बनवाकर शिव को चढ़ाएं दूध से स्नान कराकर सुगंधित इत्रादि अर्पित करें तथा नवनाग श्लोक, सर्पसूक्त का पाठ करें इससे भगवान रुद्र प्रसन्न होते है और समस्त पापॉ का शमन हो जाता है साथ ही सर्प- भय से भी मुक्ति मिलती है l शास्त्रों के अनुसार नाग देवता को क्षति होने के भय से इस दिन खेत की जुताई एवं नींव आदि की खुदाई नही की जाती l
डॉक्टर शैलेश मोदनवाल
ज्योतिष एवं तंत्र आचार्य
मछली शहर जौनपुर उत्तर प्रदेश

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