महाराष्ट्रराजनीति

नगर रचनाकार दिलीप घेवारे के आने के बाद चार महीने लग गए मनपा आयुक्त दिलीप ढोले को जाने में

क्या अब दिलीप घेवारे जो अगस्त में रिटायर होने वाले है उनको एक्सटेंशन मिलेगा?

भयंदर( महानगर समाचार) कल मीरा भयंदर महानगरपालिका के आयुक्त दिलीप ढोले को पहले ईडी से नोटिस मिलना और फिर शाम तक उनके स्थान पर आईएएस संजय काटकर की तत्काल नियुक्ति होने से यह घटनाक्रम देखने में कुछ लोगों को जरूर अप्रत्याशित लगा होगा, परंतु कल दिलीप ढोले को हटाए जाने की दरअसल उल्टी गिनती विगत 24अप्रैल 2023 से शुरू हो गया था जब अप्रत्याशित रूप से दिलीप घेवारे को मीरा भयंदर का मुख्य रचनाकार के पद पर फिर महाराष्ट्र शासन ने नियुक्त किया था, क्योंकि दिलीप घेवारे सन 2016 के यू एल सी घोटाले में करोड़ों रुपए के मास्टरमाइंड के
रूप में दो हफ्ते से फरार चल रहे थे उनके ऊपर भारतीय दंड संहिता की धारा 420,467,468,470,471, 120 बी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा13(1) डी के तहत थाने क्राइम ब्रांच के डी सी पी लक्ष्मीकांत पाटिल ने 2016 में दर्ज एफ आई आर को पुनः संज्ञान में लेते हुए दिलीप घेवारे को गुजरात के सूरत से थाने क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया था जहा से उन्हे पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया था।और फिर थाने सेशन कोर्ट के न्यायधीश राजेश किकाणी ने एक लाख रुपए के सशर्त जमानत देते हुए हफ्ते में दो दिन जब तक चार्जशीट दाखिल ना हो जाए तब तक थाने क्राइम ब्रांच में हाजिरी लगाने का आदेश दिया था।इन्ही के साथ सहायक नगर रचनाकार सत्यवान धनेगाव,पालघर जिला कार्यालय में कार्यरत कनिष्ठ सर्वेयर भरत कांबले, जूनियर आर्किटेक्ट चंद्रशेखर लिमए को भी गिरफ्तार किया गया था। इस मामले का समाचार महाराष्ट्र के मीडिया में उन दिनों बड़ी प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी बावजूद इसके महाराष्ट्र शासन ने उसी पद पर फिर दिलीप घेवारे को नियुक्त किया जहा से उन्हे जिस पद पर रहते हुए गिरफ्तार किया गया था। यह नियुक्ति अप्रत्याशित थी और उसके बाद से मनपा आयुक्त से तालमेल ना होने की वजह से उनको हटाने का प्रयास चालू हो गया था और अपुष्ट खबरों की माने तो दो महीने पूर्व मनपा आयुक्त दिलीप ढोले का लगभग तबदला हो चुका था परंतु चुकी दिलीप ढोले एकनाथ शिंदे के निजी सचिव रह चुके है, और इस समय एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री है इस लिए तबदला रूक गया था। परंतु कल जब 2016 के यू एल सी घोटाले में ईडी ने नोटिस दी तो तुरंत आनन फानन में उन्हें हटाकर सिडको के सह व्यवस्थापकीय संचालक आई ए यस संजय काटकर की नियुक्ति राज्य सरकार के अपर मुख्य सचिव (सेवा) नितिन गद्रे ने कर दी और कल ही संजय काटकर ने देर शाम पदभार भी संभाल लिया।
अब कुछ लोग पूछेंगे कि दिलीप घेवारे का आना और दिलीप ढोले का यहां से जाने में क्या संबंध है? तो इन दोनो लोगो का संबंध 2016 में हुए यू एल सी घोटाले से है जिसमे दिलीप प्रभाकर घेवारे जमानत पर बाहर है और दिलीप ढोले को ईडी ने नोटिस जारी करके तलब किया है जबाब देने के लिए।दूसरी तरफ दिलीप घेवारे इसी माह अगस्त में रिटायर होने वाले है परंतु अपुष्ट सूत्रों के अनुसार उनके रिटायरमेंट को एक्सटेंशन दिया जा सकता है। क्योंकि ऐसा प्रयास किया जा रहा है।वैसे महानगर समाचार के संपादक ने दिलीप घेवारे की नियुक्ति को संवैधानिक रूप अवैध बताते हुए राष्ट्रपति,सर्वोच्च न्यायालय,प्रधानमंत्री,केंद्रीय गृहमंत्री, सी बी आई,महाराष्ट्र लोकायुक्त,मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे,उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से नियुक्ति रद्द करने की मांग की है।अब देखना यह है कि जहा दिलीप ढोले का तो तबादला हो गया क्या अब दिलीप घेवारे को एक्सटेंशन मिलता है रिटायरमेंट से या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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