तलोजा जेल के कैदियों की दुर्दशा पर बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा जांच के आदेश
तलोजा जेल के कैदियों को मिल रहा है जल यातना

मुंबई (महानगर संवाददाता ) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के जेलों का नाम बदलकर अब उन्हें सुधारगृह कर रहे हैं वहीं पर मुंबई से सटे नवी मुंबई के तलोजा जेल में बंद क़ैदियों की दुर्दशा पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं।
ज्ञात हो कि नवी मुंबई के तलोजा जेल में कैदियों की क्षमता 21 सौ कैदियों की है जहां पर वर्तमान समय में लगभग 32 सौ कैदी इस जेल में बंद है। क्षमता से ज्यादा कैदी होने के कारण यहां बंद क़ैदियों की दुर्दशा पर एक याचिका पूर्व पुलिस अधिकारी अभय कुरंदकर ने दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि तलोजा जेल में लगातार जल संकट की स्थिति बनी हुई है, हालात ऐसे हैं कि जेल में बंद कैदी प्यास से बिलबिला रहे हैं। उन्हें एक दिन में एक बाल्टी भी पानी नसीब नहीं होता है। अभय कुरंदकर की याचिका को गंभीरता से लेते हुए बांबे हाईकोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को मामले की जांच करने और तलोजा जेल का भी निरीक्षण करने का आदेश दिया है इसके बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की टीम ने तलोजा जेल का दौरा कर हालात का जायजा लिया और उसकी रिपोर्ट बॉम्बे हाई कोर्ट को सौंपने की बात कहीं है। मुंबई हाई कोर्ट के जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस गौरी गोडसे की पीठ ने प्राधिकरण के सचिव को 17 जून को तलोजा जेल का दौरा कर कैदियों से बातचीत करने और जेल अधिकारियों की अनुपस्थिति में जेल में पानी की गुणवत्ता की जांच का भी आदेश दिया था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने आगामी 22 जून को निरीक्षण प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं आदेश में कहा गया है कि जब सचिव कैदियों से संवाद कर रहे हो तो उस समय जेल का कोई भी अधिकारी वहां पर उपस्थित नहीं होना चाहिए। केवल गृह विभाग के सचिव
के साथ रायगढ़ के कलेक्टर और सिडको के जिम्मेदार अधिकारी निरीक्षण के दौरान मौजूद रहेंगे। बॉम्बे हाई कोर्ट के इस आदेश के वाद अब उम्मीद जगी है कि तलोजा जेल में कैदियों की दुर्दशा में सुधार होगा। इस जेल में बहुत से ऐसे कैदी हैं जो लंबे अरसे से सिर्फ जमानत ना होने के कारण कैदी की जिंदगी जी रहे हैं। इनके ऊपर भी मानवता के आधार पर बॉम्बे हाईकोर्ट को तुरंत संज्ञान लेकर जल्द जमानत पर त्वरित फैसला लेना चाहिए।