दशहरा रैली:- उद्धव ठाकरे ने शिंदे पर किया वार, कहा गद्दार खोखासुर और धोखासुर है शिंदे
शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा हम गद्दार नहीं हमने ग़दर किया है
मुंबई (अशोक निगम ) कल शिवसेना से बगावत करके बागी हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के लिए शक्ति प्रदर्शन का दिन था। जहा उद्धव ठाकरे अपने परंपरागत शिवाजी मैदान पर दशहरा रैली पर लोगों को संबोधित किया वहीं पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बांद्रा के बीकेसी ग्राउंड पर अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर एकनाथ शिंदे को गद्दार कहते हुए उन्हें कटप्पा की उपाधि दी। शिवाजी पार्क में प्रत्येक वर्ष शिवसेना की रैली के बाद ही रावण का दहन कार्यक्रम होता है। उद्धव ने एक बार फिर शिंदे को गद्दार बताते हुए कहा कि इस बार का रावण खोखासुर और धोखासुर है। जिस प्रकार रावण ने साधु का रूप बनाकर सीताहरण किया था उसी तरह आजकल शिवसेना का ही पाला हुआ एक तोता बालासाहब ठाकरे की तस्वीर सामने रखकर शिवसेना पर कब्जा करना चाह रहा है। जिस आदिशक्ति ने महिषासुर को मारा था वही महिषासुरमर्दिनी इस धोखासूर को खत्म करेंगी।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि कटप्पा का भी ईमान था परंतु आप तो दोगली राजनीति करते हो। उद्धव ठाकरे ने आज के दशहरा रैली में पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए न सिर्फ एकनाथ शिंदे पर वार किया बल्कि उन्होंने भाजपा पर भी तीखे वार करते हुए कहा कि हमें भाजपा से हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहीं है। उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर जमकर बरसते हुए कहा कि भाजपा ने जब पीठपर वार किया तो उसे सबक सिखाने के लिए हमने महाविकास आघाडी का गठन किया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि पाकिस्तान में जाकर जिन्ना की मजार पर मत्था टेकने वाले हमें हिंदुत्व का पाठ न पढ़ाएं। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर वार करते हुए कहा कि मैं शिवाजी महाराज को साक्षी मानकर अपने माता-पिता की शपथ लेकर कह रहा हूं कि अमित शाह ने ढाई ढाई साल मुख्यमंत्री पद बांटने का वादा किया था। उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व के मुद्दे पर भी भाजपा को आलोचना करते हुए कहा कि लोग कहते हैं कि हमने हिंदुत्व छोड़ दिया लेकिन हमें भाजपा से हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहीं है। पाकिस्तान जाकर जिन्ना के मजार पर मत्था टेकने वालों और नवाज शरीफ के यहां केक खाने वालों से हमें हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहीं है। उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को भी आईना दिखाते हुए कहा कि आजकल वे मस्जिद में जा रहे हैं वह कौन सा हिंदुत्व है?
उद्धव ठाकरे के प्रत्येक वार का पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बांद्रा के बीकेसी ग्राउंड पर लोगों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे पर पलटवार करते हुए कहा कि आपने बालासाहब ठाकरे के विचारों को छोड़कर वैचारिक व्यभिचार किया है। गद्दारी हमने नहीं आपने की है। एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि बाला साहब रिमोट से सरकार चलाते थे, आपने तो अपनी ही सरकार का रिमोट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के हाथों में दे दिया । शिंदे ने कहा कि बालासाहब के विचारों को तिलांजलि देने वाले को शिवाजी पार्क में बोलने का नैतिक अधिकार ही नहीं है। उन्हें शिवाजी पार्क में ही स्थित बालासाहब के समाधि पर माथा टेक कर उनके विचारों से गद्दारी करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। गद्दार मैं नहीं तुम हो। शिंदे ने आगे कहा कि हमने जो किया है वह बालासाहब ठाकरे के विचारों एवं शिवसेना को बचाने के लिए खुलेआम किया है।यह गद्दारी नहीं गदर है। 18 57 के जैसी क्रांति है। अपने मंच पर बालासाहेब ठाकरे की कुर्सी एवं उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने वाले शिंदे ने उद्धव पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने बालासाहेब ठाकरे के सपनों के अनुसार कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने का काम किया अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया उन्हें आप अफजल खान कहकर उनकी खिल्ली उड़ाते हो, जबकि आपने खुद बालासाहब के विचारों को सत्ता और कुर्सी के लिए जिस याकूब मेमन ने मुंबई में विस्फोट करवाकर सैकड़ों लोगों की जान ली उसकी फांसी की सजा के विरोध में अपील करने वाले विधायकों को आपने अपनी सरकार में मंत्री बना दिया, इसलिए गद्दार तो मैं नहीं तुम हो।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के रैली में आज ठाकरे परिवार के कुछ सदस्य भी मंच पर नजर आए। जयदेव ठाकरे शिंदे के मंच पर आए और उन्होंने शुभेच्छा देते हुए कहा कि ठाकरे को कोई बांधकर नहीं ला सकता मैंने शिंदे के कुछ काम देखे हैं इसलिए उनके प्रेमवश यहां आ गया हूं। जयदेव का उनकी पत्नी स्मिता ठाकरे से अलगाव हो चुका है। लेकिन शिंदे के मंच से जयदेव के जाने के बाद आज स्मिता ठाकरे भी पहुंची, उद्धव के बड़े भाई बिंदुमाधव ठाकरे के पुत्र निहार ठाकरे ने तो पहले ही शिवसेना के शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। आज भी वह अपनी चाची स्मिता ठाकरे के साथ शिंदे के मंच पर बैठे दिखाई दिए।
उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे गुट की दशहरा रैली जहां एक दूसरे के प्रति शक्ति प्रदर्शन दिखाने की होड़ लगी वहीं पर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर दोनों लोगों ने अपनी अपनी भड़ास निकाली।